List of Govt Jobs Opening for Females

List of Govt Jobs Opening for Females

Border Security Force (BSF)final_ucb_656_182_-1_9flipkart big billion saleflipkart bigbillion sale

Meritorious Person (Male & Female), 196 Posts, 10th, All Ove
r India Within 30 Da

Border Security Force (BSF)

Veterinary Assistant Surgeon (Male & Female), 28 Posts, Graduation, All Over India 19/10/2016

Jharkhand Police
Constable (Band) Male & Female, 20 Posts, 10th, Jharkhand 15/10/2016

UP Police
Constable (Sports Quota) Male & Female, 200 Posts, 10th/12th, Uttar Pradesh 24/10/2016

Staff Selection Commission (SSC)
Constable (Executive) Male/Constable (Executive) Female, 4669 Posts, 12th, Delhi 10/10/2016

Border Security Force (BSF)
Meritorious Sportsperson (Male (160) & Female (36)), 196 Posts, 10th, All Over India 09/10/2016

Delhi Police
Constable (Executive) Male/Constable (Executive) Female, 4669 Posts, 12th, Delhi 10/10/2016
Detail

स्वंत्रता दिवस एक विचार

स्वंत्रता दिवस एक विचार

 

स्वंत्रता दिवस एक विचार

हर साल की तरह इस बार भी १५ अगस्त आ गया और हर साल की तरह इस बार भी १५ अगस्त की छुट्टी होगी हम सब घूमने जायेंगे और घर पर किसी चैनल पर आने वाले देशभक्ति के गानों पर नाचते गाते सेलिब्रिटीज को देख कर खुश होंगे और फिर अपने बाकी बचे हुए काम करके सो जायेंगे यही हमारी आजादी हे क्यूंकि हमे ज़िन्दगी अपने तरीके से जीने की आजादी है क्या मतलब हमे देश से भाई हम आज़ाद है और हमारे लिए आजादी का मतलब सिर्फ अपने हिसाब से जीने से है जहा हमे कोई फिक्र न हो कोई रोक टोक न हो. पर क्या सिर्फ एक दिन हम अपने देश के बारे में नहीं सोच सकते क्या हम इतने खुदगर्ज़ है की हमें कोई फिक्र नहीं की देश के बॉर्डर पर क्या हो रहा है क्या हमें पता है की जम्मू कश्मीर में आज कल क्या हाल है क्या हमें फिक्र की की चारो और पानी ने जो तबाही मचाई है उन लोगो की जो उस तबाही में अपना सब कुछ खो चुके है
शायद नहीं वो सब तो न्यूज़ चैनल पर दीखता है सिर्फ उतनी ही देर याद रहता है और फिर सब भूल जाते है बड़े बड़े आन्दोलन होते है सब जोश से भर जाते है और फिर सब शांत। यहाँ तक की आन्दोलन चलाने वाले भी अपने हितपूर्ति में लग जाते है किसी को देश की फिक्र नहीं सब को अपनी फिक्र है नेता संसद में हंगामा करते है और जनता सडको पर पर बर्बाद तो देश को ही करते है

आखिर हम आज़ाद है हमें अपनी बात कहने का हक है पर अपनी बात कहने के लिए देश को बर्बाद करने का हक़ हमे किसने दिया। संसद भंग कर या पुतले जला कर या निर्दोष जनता को मारकर देश को किस दिशा में ले जाना चाहते है हम घटिया राजनीति और संक्रीन सोच हमारी सबसे बड़ी समस्या है
हम प्राथना करते है की इस बार हम इस सोच से ऊपर उठकर देश के उत्थान के लिए काम करेंगे
अगर हर देशवासी अपने देश के बारे में सोचे  तो हमारा देश सचमुच महान हो जायेगा
ज़रूरी नहीं की हम कोई महान काम करे भीड़ जुटाए पर छोटे छोटे काम भी हमारे देश के विकास में योगदान कर सकते है जैसे अपने आसपास से शुरुआत करे।  किसी ज़रूरतमंद की मदद करे.
नियमो का पालन करे आदि
हम आप सभी भारत वासियो को स्वन्त्रत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये देते है

 

ज़िन्दगी का सफ़र

ज़िन्दगी का सफ़र
 
 

कभी वक़्त मिले तो सोचना की हमने अपनी ज़िन्दगी में कितना कुछ  कितना कुछ खोया
कभी किसी ने हमे धोका दिया तो कभी हमने किसी को धोका दिया कभी किसी ने हमसे झूठ बोला तो कभी हमने किसी से
बस ज़िन्दगी ऐसे ही गुज़र गई हम ने सारी ज़िन्दगी दूसरो को  दी पर कभी खुद को समझने की कोशिश नहीं की हम क्या चाहते है हमारी क्या ख्वाहिशे  है  कभी वक़्त ही नहीं मिला  सोचने का  कभी घर वालो की ख़ुशी के लिए तो कभी बच्चो की ख़ुशी के लिए कभी दोस्तों की ख़ुशी के लिए बस करते रहे सब
और फिर भी किसी को भी खुश नहीं कर पाए आज भी हर इंसान को शिकायत है सही है जो इंसान खुद खुश न हो वो दूसरो को खुश   सकता है पर हम जिस समाज में रहते है हमने वह हमेशा यही देखा है की हमारी माँ कभी भी अपनी ख़ुशी नहीं देखती वो सिर्फ बच्चो की ख़ुशी में खुश हो जाती है पापा पुराने कपडे  पहनते है ताकि बच्चो के नए कपड़ो के लिए पैसे बचा सके  हम भी कहीं ना कहीं उसी परवरिश का एक हिस्सा है ये हमारे संस्कार है जो हम को खुश होने से रोकते है पर हमे अपनों से जोड़ते है और हम दूसरो की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी ढूँढने लगते है
और सारी  ज़िन्दगी दूसरो को खुश करके खुश होते रहते है   यही है ज़िन्दगी का सफ़र
कहते है न

अपने लिए जिए तो क्या जिए 
ये दिल ये  जा जमाने   के लिए